Kaal Bhairav Tantra | एक दिन काल भैरव प्रकट साधना | भैरव को बुलाने का मंत्र

Kaal Bhairav Mantra: भारतीय संस्कृति में देवताओं की विस्तृत सूची है और इनकी पूजा विभिन्न अवसरों पर की जाती है। इनमें से एक देवता है काल भैरव, जो शिव के एक रूद्र रूप माने जाते है। क्रिया में वर्तमान समय में काल भैरव और बटुक भैरव का ही पूजन किया जाता है। सबसे पहले, मैं आपको बताना चाहूँगा कि बटुक भैरव सौम्य देवता है और सात्विक माने जाते हैं। 

वहीं, काल भैरव उग्र और प्रचंड रूप हैं तथा तंत्र क्रियावो में प्रमुख देव के रूप में पूजे जाते हैं। काल भैरव मंत्र साधना 21, 41 और 51 दिनों तक की जाती है। 

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम एक दिन काल भैरव प्रकट साधना के बारे में विस्तार से जानेगे। हम भैरव को बुलाने का मंत्र के बारे में जानेंगे, साधना की विधि और साधना के लाभों के बारे में जानेंगे।

गुप्त सिद्ध अचूक एक दिन काल भैरव प्रकट साधना

एक दिन काल भैरव प्रकट साधना: यह कालभैरव साधना करनेसे अंदर आत्मविश्वास की इतनी ज्यादा बढ़ोतरी हो जाती है कि उसे खुद ही अपने अंदर से बहुत ही ज्यादा शक्ति महसूस होने लगती है। इसी तरह से जो काल भैरव का साधक होता है, उसकी आंखों में एक ऐसा प्रचंड तेज आ जाता है। 

जैसे कि काफी लोगों के जीवन में बहुत सारे दुश्मन होते हैं और जब भी आप दुश्मन को देखते हैं, तो आपको ऐसा लगता होगा कुछ डर सा कुछ ऐसी परेशानी तो वह अक्सर ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपकी जो अंदर की शक्ति है, जो अंदर की एनर्जी है वह कमजोर है।

आपके दुश्मन मैं आप से अधिक है इसीलिए आप उसे देख कर डर जाते हैं या फिर उससे पीछे हट जाते हैं लेकिन इसी तरह से जो जो भी व्यक्ति काल कल भैरव की साधना करता है उसकी सारि परेशानिया दूर हो जाती हैं। 

काल भैरव शाबर मंत्र

ॐ गुरु जी सत नाम आदेश आदि पुरुष को!
काला भैरूं, गोरा भैरूं, भैरूं रंग बिरंगा।

शिव गौरां को जब-जब ध्याऊं,
भैरूं आवे पास पूरण होय मनसा वाचा पूरण होय
आस लक्ष्मी ल्यावे घर आंगन में,
जिव्हा विराजे सुर की देवी, खोल घडा दे दड़ा।

काला भैरूं खप्पर राखे, गौरा झांझर पांव लाल भैरूं,
पीला भैरूं, पगां लगावे गांव दशों दिशाओं में पञ्च-पञ्च भैरूं।
पहरा लगावे आप दोनों भैरूं मेरे संग में चालें बम-बम करते जाप।

बावन भैरव मेरे सहाय हो गुरु रूप से, धर्म रूप से,
सत्य रूप से, मर्यादा रूप से, देव रूप से, शंकर रूप से,
माता पिता रूप से, लक्ष्मी रूप से, सिद्धि रूप से,

स्व कल्याण जन कल्याण हेतु सहाय हो, श्री शिव गौरां पुत्र भैरव।
शब्द सांचा पिंड कांचा चलो मंत्र ईश्वरो वाचा।

काल भैरव मंत्र साधना विधि

कार्य सिद्ध करने के लिए बहुत ही गुप्त और प्रभावशाली मंत्र है। इसका उपयोग परोपकार के लिए करें। सिद्धि प्राप्त करने के लिए भैरव साधना मंत्र अलग है, प्रतिदिन 11 बार जाप करना चाहिए। श्री शिव के पुत्र भैरव आपकी सहायता करेंगे, बूंदी के चार लड्डू लेकर मंत्र जाप कर काले कुत्ते को खिलाएं। 

शनिवार या रविवार से अनुष्ठान चालू करे किसी पत्थर तीन कोण वाला टुकड़ा लेकर उसे एकांत मैं स्थापनकरे, उसपर तेल और सिंदूर लगाए भोग मैं बेसन लड्डू दिखाए।  

प्राचीन भैरव को बुलाने का मंत्र 

ॐ काली कंकाली महाकाली के पुत्र 
कंकाल भैरव हुकुम हाजिर रहे ।  
मेरा भेजा रक्षा करे आन बधू, 
न बधू  फूल में भेजूं फूल में जॉय  
कोठे जी पड़े थस्थर कांपे  हल-हल-हले।  
गिरि गिस्पिरे। उठिउठिभगे।  
बक-बक-बके।  मेरा भेजा सवा घड़ी।  
पहर सवा, दिन-सवा । मास-सवा, 
सवा-बरस को बावला न करे।  
तो माता काली की शय्या पे पग धरे, 
वाचा चूके तो उमा सूखै, वाचा छोड़ कुवाचा करै।  
धोबी की नाँद चमार के कूडे में पड़े।  
मेरा भेजा बावला न करे तो शुद्र के नेत्र से आग की ज्वाला कढै।  
सिर की जटा टूट भूमि में गिरे।   
माता पार्वती के चीर पे चोट पड़े।  
बिना हुकुम नहीं मारना हे काली के पुत्र कंकाल भैरव  
फुरे मन्त्र, ईश्वरो वाचा सत्य-नाम आदेश गुरु जी का ।  

विधि  
इस मंत्र का अनुष्ठान 41 दिन का है, साधक श्री भैरव विषयक सभी  नियमों का पालन करते हुए किसी भी शनिवार या रविवार से जप शुरु करें, भैरव  मंदिर या किसी एकान्त स्थान में एक तीन कोने वाला पत्थर लेकर उसे भैरव मान  कर स्थापित करें; और सरसों के तेल में काला रंग मिला कर लेप करें। 

पान, नारियल का भेंट चढ़ाकर प्रतिदिन एक माला इस मन्त्र की जपें, जप समय नित्य- अखण्ड दीपक सरसों के तेल का जलायें, जपांत में छाड़-छड़ीला, कपूर केशर और लौंग की आहुति नित्य दें, भोग में मांस, मदिरा, लड्डू, दही बड़े दें। 

जब भैरव देव  दर्शन दें तो डरे नहीं भक्ति-पूर्वक प्रणाम करके उन्हें भोग की सामग्री अर्पित करें  और उनसे प्रार्थना कर मनवांछित वर प्राप्त करें।

काल भैरव सिद्धि मंत्र | kaal bhairav siddhi mantra

ॐ ह्रीं महा-काल । 
भैरवाय नमः ॥ 
ॐ ह्रीं महा- विक्राल
भैरवाय नमः॥  

विधि 
इस मंत्र का अनुष्ठान ग्रहण-काल में, श्री भैरव विषयक सभी नियमों का  पालन करते हुए 11 माला जप व दशांश हवन, भोगादि देने से सिद्ध होगा, फिर  प्रयोग के लिए किसी भी शनिवार की रात्रि को, सवा मुट्ठी चावल, हल्दी व मीठा  डालकर बनाये । 

प्रातः रविवार को इन मीठे चावलों को एक सौ बार अभिमन्त्रित  कर के छत पर या आँगन में रख दें, कुछ समय पश्चात् दो कौवे जब वह मीठा  चावल खाने के समय आपस में लड़ेंगे तो उनमें से किसी का पंख गिरेगा। 

जब पंख  गिरे तो उस समय आप उस पंख को उठाकर सुरक्षित रख लें और यात्रादि व किसी  भी कठिन कार्यों के लिए अपने साथ में ले जाए, तो कार्य सिद्ध होगा। 

यदि पहले  रविवार को इस तरह करने से पंख प्राप्त न हो तो पुनः विश्वास पूर्वक किसी अन्य रविवार को प्रयोग कर पंख प्राप्त कर लें।




निष्कर्ष 

काल भैरव एक शक्तिशाली देवता हैं जो भक्तों को कई तरह के लाभ प्रदान कर सकते हैं। एक दिन काल भैरव प्रकट साधना एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो साधक को अपार शक्तियों का मालिक बना सकता है। 

इस साधना को करने से साधक को सुख, संपत्ति, समृद्धि, रक्षा और उच्चतम स्तर की साधना तक पहुंचने में सहायता मिलती है। 
 
भैरव को बुलाने का मंत्र एक और शक्तिशाली मंत्र है जिसका उपयोग साधक अपनी इच्छाओं को प्राप्त करने के लिए कर सकता है। इस मंत्र का नियमित अभ्यास करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि की गहराई में सुधार होता है। 

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये दोनों ही साधना जटिल और खतरनाक हो सकती हैं। इन्हें केवल योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।


 

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