तंत्र शास्त्र में माना जाता है कि अगर मानव ने इन कुंडलिनी चक्र को खोल दिया तो मानव ऊर्जावान हो जाता है, वह अलौकिक शक्तियों का अनुभव कर सकता है। यह असाधारण बात लगती है, परन्तु यह साधना अत्यंत कठिन है, इसे अच्छे गुरु के मार्गदर्शन से किया जाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है इन चक्रों अगर खोला जाए तो व्यक्ति भूत, भविष्य और वर्तमान के बारेमे जान सकता है। इन 7 चक्र को कुंडलिनी जागरण बीज मंत्र और योग साधना द्वारा खोल सकते है। इस लेख में कुंडलिनी शक्ति जागृत करने के मंत्र के बारे में जानेंगे।
शक्तिमान कुंडलिनी जागरण बीज मंत्र | Kundalini Jagran Mantra
- मूलाधार चक्र: "लं"
- स्वाधिष्ठान चक्र: "वं"
- मणिपुर चक्र: "रं"
- अनाहत चक्र: "यं"
- विशुद्ध चक्र: "हं"
- आज्ञा चक्र: "ॐ"
- सहस्त्रार चक्र: "शांत रहे ध्वनि सुने"
विधि:
रोज 21 मिनिट चक्र पर ध्यान करके चक्र के हिसाब से बीज मंत्र का एकांत में जाप करे।
कुंडलिनी जागरण शाबर मंत्र
अगर आप जल्दी से जल्दी कुडलिनी जाग्रत करना चाहते है तो आप शाबर मंत्र का भी उपयोग कर सकते है। हमने आपके लिए एक कुंडलिनी जागरण शाबर मंत्र दिया है, वह नाथपंथी मंत्र है और अनुभूत मंत्र है जिससे आप कुंडलिनी चक्र को जाग्रत कर सकते है।मंत्र:
ॐ ह्रीं मम प्राण देह रोम प्रतिरोम चैतन्य जाग्रय ह्रीं ॐ नम:।
ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम,ना गुरोरधिकम
शिव शासनतः,शिव शासनतः,शिव शासनतः।
विधि:
विधि:
इस मंत्र 1का जाप करने के लिए सिद्ध रुद्राक्ष की माला का ही इस्तेमाल करे। कुश के आसन पर बैठकर उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके रोज नियम से इस मंत्र का आपको 108 या 1008 बार मंत्र का जाप करे। जाप हो जानेके बाद मंत्र 2 का कुछ मिनिट जाप करे।
यह एक अद्भुत कुंडलिनी जागरण शाबर मंत्र है। मंत्र जाप से शरीर के आंतरिक 7 चक्र शक्ति जागृत होती हैंऔर कालान्तर से कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है, जप करते समय मंत्र अपने शरीर में गूंज रहा है ऐसी कल्पना करें।
निष्कर्ष
कुंडलिनी एक गहरी आध्यात्मिक ऊर्जा है जो हमारे जीवन को प्रभावित कर सकती है। सही मार्गदर्शन और साधना के माध्यम से, हम इस ऊर्जा को जाग्रत कर सकते हैं और अपने जीवन को एक नए आयाम में ले जा सकते हैं।कुंडलिनी जागरण बीज मंत्र यह ब्लॉग पोस्ट कुंडलिनी शक्ति कैसे जागृत करें उसके लिए दो मंत्र दिए है, यदि आप इस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो एक योग्य गुरु का मार्गदर्शन अवश्य लें।
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