Guru Gorakhnath Shabar Mantra: शाबर मंत्र हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ये मंत्र गुरु गोरखनाथ जी द्वारा रचित थे, जो एक सिद्ध नवनाथ योगी और नाथ संप्रदाय के प्रचारक, प्रसारक और नाथों के नाथ हैं।
शाबर मंत्र अत्यंत शक्तिशाली होते हैं और इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि सिद्धि प्राप्त करना, धन प्राप्त करना, दुश्मनों को पराजित करना और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना।
गोरखनाथ जी शाबरी विद्या के रचेता और सिद्ध ज्ञाता थे और उन्होंने बहुत सारे शाबर मंत्रों की रचना की और उस शाबर मंत्र ग्रंथ को जन कल्याण के लिए सौंप दिया। योगी गोरखनाथ को भगवान शंकर शिव अवतारी गुरु गोरखनाथ जी भी कहा जाता है। शिवजी के अंश मात्र गुरु गोरखनाथ जीने बहुत ही सारी सिद्धियाँ और शाबर मंत्र जन कल्याण के लिए सौंप दिए हैं।
सिद्ध 5 गुरु गोरखनाथ शाबर मंत्र | Guru Gorakhnath Mantra
यदि आप इस गुरु गोरखनाथ जी के किसी भी मंत्र को सिद्ध करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपके पास एक पक्का लंगोट होना चाहिए। अगर आपके पास पक्का लंगोट नहीं है तो आप गुरु गोरखनाथ जी की सिद्धि प्राप्त नहीं कर पाएंगे। गुरु गोरखनाथ जी धुनों के देवता हैं और इनको मूल मंत्रों की सिद्धि धुने के बिना संभव नहीं होती है।इसके अलावा, ब्रह्मचर्य भी गुरु गोरखनाथ जी के मंत्र साधना में बहुत महत्वपूर्ण होता है। जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य का सही से पालन नहीं कर पाता है, वह गुरु गोरखनाथ जी के मंत्र को सिद्ध नहीं कर पाता।
इनकी साधना में धूना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। नवनाथ 84 सिद्ध योगी भी गुरु गोरखनाथ जी के साथ चलते हैं और अगर आप सिर्फ और सिर्फ गुरु गोरखनाथ जी की सिद्धि प्राप्त कर लेते हैं, तो उनकी सिद्धि भी आपके लिए स्वतः हो जाएगी।
1) गोरखनाथ की सिद्धि के लिए ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र
गुरु गोरखनाथ सिद्धि शाबर मंत्र अत्यंत असरदार है। तथा ये मंत्र गोरखनाथ जी का मूल तथा बीज मंत्र है जो इस प्रकार है।गुरु गोरखनाथ बीज मंत्र - "ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः"
साधना विधि:
नवनाथ रक्षा मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु को, बज्र बज्री बज्र किवाड़,
बज्री में बाँधा दशो द्वार को घाले उलट वेद वाही को खाता,
पहली चौकी गणपति की, दूजी चौकी हनुमंत जी की,
तीजी चौकी भैरो की, चौथी राम रक्षा करने को श्री नरसिंह देव जी आये,
शब्द साँचा पिण्ड काँचा फुरौ मंत्र ईशवरो
वाचा सत्य नाम आदेश गुरु को।
जो गुरु गोरखनाथ जी का मूल तथा बीज मंत्र है, उसकी सिद्धि के लिए आप होली, दीपावली, महाशिवरात्रि में से एक मुहूर्त चुन सकते हैं। आपके लिए होली और दीपावली सबसे उत्तम हैं, उसके बाद में शिवरात्रि का महाशिवरात्रि का पर्व होता है जिसमें आप भी कर सकते हैं।
आपको गुरु गोरखनाथ जी की पूरी पूजा करनी होगी। आपको उनके सामने दीपक जलाना होगा, धूप बत्ती जलानी होगी और उनके लिए भोग चढ़ाना होगा।
गुरु गोरखनाथ जी को भोग में रोट, मिठाई, मालपुए या आपकी इच्छा के अनुसार कुछ अन्य खाद्य पदार्थ चढ़ाएं और उन्हें लंगोट और 5 मीटर का केसरिया वस्त्र अवश्य चढ़ाएं।
होली या दीपावली की रात में रुद्राक्ष की माला से 108 माला पूर्व दिशा के वोर मुख करके जप करना है। अगर आप एक ही दिन में कर लोगे तो आपको एक दिन में सिद्धि मिल जाएगी।
ॐ शिव गुरु गोरखनाथ नमः मंत्र के फायदे
आप गुरु गोरखनाथ जी के दर्शन कर सकते हैं, आपकी वाणी सिद्ध हो जाएगी और जब भी आप किसी मरीज को अभिंमत्रित धुनें की विभूति देंगे, तब वह ठीक हो जाएगा। तमाम शाबर मंत्रों का ज्ञान आपको अपने आप ही हो जाएगा, ऐसा इसका विधान है।
2) नाथ पंथ गोपनीय गुरु गोरखनाथ रक्षा शाबर मंत्र
ये मंत्र आपको कोई भी साधना करने से पहिले या किसी निर्जन जगह पर अपनी शरीर की रक्षा करने के किये इसका प्रयोग किया जाता है।
ॐ नमो आदेश गुरु को, बज्र बज्री बज्र किवाड़,
बज्री में बाँधा दशो द्वार को घाले उलट वेद वाही को खाता,
पहली चौकी गणपति की, दूजी चौकी हनुमंत जी की,
तीजी चौकी भैरो की, चौथी राम रक्षा करने को श्री नरसिंह देव जी आये,
शब्द साँचा पिण्ड काँचा फुरौ मंत्र ईशवरो
वाचा सत्य नाम आदेश गुरु को।
साधना विधि
- इस मंत्र को 11 बार जप करने के बाद, अपने दोनों हाथों पर फूंक मारनी है और सिर से लेकर पैर तक उसे फेरना होगा।
- इससे पूरे शरीर का बंधन हो जायेगा और बुरी शक्तियों से आपकी सुरक्षा होगी।
- इस मंत्र को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन फिर भी आप 21 दिनों तक रोज 108 बार जप करके सिद्ध कर सकते हैं।
3) गोरख धुना आदेश नाथ मंत्र
कोई भी शुभ कार्य करने से पहीले इस स्वस्ति वाचन का पाठ उत्तम माना जाता है। मंत्र में इस जगह ( अपने सतगुरू का नाम ) ले।
मंत्र
ॐ शिवगोरक्ष आदेश
ॐ सत नमो आदेश गुरुजी को आदेश
ॐ गुरुजी श्री मनमहा गणाधिपतयेको आदेश नमो नमः
ॐ सतगुरू श्री ( अपने सतगुरू का नाम ) को आदेश नमो नमः
ॐ श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ को आदेश नमो नमः
ॐ श्री आदिनाथ शिव-पार्वती को आदेश नमो नमः
ॐ श्री सत्यनाथ ब्रम्हाजी-सावित्रीजी को आदेश नमो नमः
ॐ श्री सन्तोषनाथ विष्णु जी महालक्ष्मी जी को आदेश नमो नमः
ॐ श्री नवनाथ चौरासी सिद्धो को आदेश नमो नमः
ॐ श्री नाथ सिद्ध इष्ट देवताऔ कुल देवताओ को आदेश नमो नमः
ॐ श्री वास्तुदेवता, ग्रामदेवता स्थान देवताओ को आदेश नमो नमः
ॐ पृथ्वी - जल-अग्नी - वायु-आकाश देवताओ को आदेश नमो नमः
ॐ श्री क्षेत्रपाल, राक्षपाल, दिगपाल प्राणपाल को आदेश नमो नमः
ॐ श्री अष्ट भैरव बावनवीर देवता को आदेश नमो नमः
ॐ श्रीपीरमहन्त अनन्त करोड नाथ सिद्धो योगेश्वरो आदेश
नमो नमः आदेश आदेश आदेश
ॐ शिवगोरक्ष आदेश
ॐ सत नमो आदेश गुरुजी को आदेश
ॐ गुरुजी श्री मनमहा गणाधिपतयेको आदेश नमो नमः
ॐ सतगुरू श्री ( अपने सतगुरू का नाम ) को आदेश नमो नमः
ॐ श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ को आदेश नमो नमः
ॐ श्री आदिनाथ शिव-पार्वती को आदेश नमो नमः
ॐ श्री सत्यनाथ ब्रम्हाजी-सावित्रीजी को आदेश नमो नमः
ॐ श्री सन्तोषनाथ विष्णु जी महालक्ष्मी जी को आदेश नमो नमः
ॐ श्री नवनाथ चौरासी सिद्धो को आदेश नमो नमः
ॐ श्री नाथ सिद्ध इष्ट देवताऔ कुल देवताओ को आदेश नमो नमः
ॐ श्री वास्तुदेवता, ग्रामदेवता स्थान देवताओ को आदेश नमो नमः
ॐ पृथ्वी - जल-अग्नी - वायु-आकाश देवताओ को आदेश नमो नमः
ॐ श्री क्षेत्रपाल, राक्षपाल, दिगपाल प्राणपाल को आदेश नमो नमः
ॐ श्री अष्ट भैरव बावनवीर देवता को आदेश नमो नमः
ॐ श्रीपीरमहन्त अनन्त करोड नाथ सिद्धो योगेश्वरो आदेश
नमो नमः आदेश आदेश आदेश
विधि
इस मंत्र पाठ प्रतिदिन करे।
4) नाथ पंथ गोपनीय शाबर मंत्र
इस मंत्र से पापों का क्षय होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है। सुख-सम्पत्ति-वैभव से साधक परिपूर्ण हो जाता है।
मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरु को आदि-नाथ ॐ स्वरुप, उदय-नाथ उमा-महि-रुप।
जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष- नाथ।
हस्ती-रुप गनेश भनीजे, ताकु कन्थड- नाथ कही जै।
माया-रुपी मछिन्दर - नाथ, चन्द- रुप चौरङ्गी-नाथ।
शेष-रुप अचम्भे-नाथ, वायु- रुपी गुरु गोरख नाथ।
घट-घट व्यापक घट का राव, अमी महा-रस स्त्रवती खाव।
ॐ नमो नव-नाथ- गण, चौरासी गोमेश।
आदि-नाथ आदि-पुरुष, शिव गोरख आदेश।
ॐ श्री नव-नाथाय नमः।।
जल-रुपी ब्रह्मा सत-नाथ, रवि-रुप विष्णु सन्तोष- नाथ।
हस्ती-रुप गनेश भनीजे, ताकु कन्थड- नाथ कही जै।
माया-रुपी मछिन्दर - नाथ, चन्द- रुप चौरङ्गी-नाथ।
शेष-रुप अचम्भे-नाथ, वायु- रुपी गुरु गोरख नाथ।
घट-घट व्यापक घट का राव, अमी महा-रस स्त्रवती खाव।
ॐ नमो नव-नाथ- गण, चौरासी गोमेश।
आदि-नाथ आदि-पुरुष, शिव गोरख आदेश।
ॐ श्री नव-नाथाय नमः।।
विधि
21 दिनों तक 21 पाठ करने से इसकी सिद्धि होती है। इससे नवनाथों की कृपा मिलती है। 90 हजार या 9 लाख जप करने पर नवनाथ प्रत्यक्ष दर्शन देकर अभीष्ट वरदान देते हैं।
5) गोरखनाथ काली मंत्र
इस मंत्र को नवरात्री में प्रतिरात्री अपने समर्थ अनुसार जप करे।
मंत्र
ॐ कलिका खड्ग खप्पर लिए ठाडी ज्योत तेरी है,
निराली पीती भर भर रक्त प्याली कर भक्तो की रखवाली,
ना कर रक्षा तो महाकाल भैरव की दुहाई।
सामग्री
- गूगल धुप
- सरसो के तेल का खड़ी बत्ती का दीपक
- भोग में मिष्ठान या खीर
- रक्त पुष्प यानि लाल फूल
- माँ काली की सौम्य मुद्रा की फोटो
विधि
- अपनी नित्य पूजा में 11,21, 27 या 54 बार इस मंत्र का जप करे।
- ये हर प्रकार से रक्षा करने में सामर्थ्य है।
- अगर कोई अनुभव हो तो आसान ना छोड़े ना ही घबराए जप पूर्ण करे।
- 9 दिन का संकल्प ले कि प्रतिरात्री इतना जप करूँगा, करुँगी।
- संकल्प हेतु जल हाँथ में ले कर अपना नाम बोले जप संख्या बोले फिर जल जमीन पर छोड़ दे।
- उसके बाद माँ से अनुमति और जप पूर्ण होने की प्राथना करे।
- जप से पहले गुरु मंत्र या गणपति मंत्र का जप अवश्य करे।
अंततः यही कहूँगा आप इन गुरु गोरखनाथ शाबर मंत्र का जाप करके आपके जीवन में सिद्धि प्राप्ति, धन प्राप्ति, दुश्मनों को पराजित करना, अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते है। इन मंत्रों का उपयोग करके, आप अपने जीवन में किसी भी प्रकार की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन मंत्रों का उपयोग करते समय आपको सावधानी बरतनी चाहिए। इन मंत्रों का उपयोग गलत उद्देश्यों के लिए करने से आपको हानि हो सकती है।
Good
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