वैदिक संस्कृति में मां लक्ष्मी देवी को धन, समृद्धि और सुख का प्रतीक माना जाता है। उन्हें उन्नति, सफलता और वैभव की देवी मानि जाती है। मां लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए मंत्र अनुष्ठान के प्रयोग किए जाते हैं।
जिससे आपके जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी और आपके जीवन में, माता अष्ट लक्ष्मी की कृपा सदा सर्वदा बनी रहेगी।
यह लेख स्वयं सिद्ध लक्ष्मी शाबर मंत्र के बारे में है जिनका उपयोग धन, समृद्धि और सुख को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
धन प्राप्ति के लिए 3 स्वयं सिद्ध लक्ष्मी शाबर मंत्र
अगर आपके घर में चाहे कितनी भी दरिद्रता और कितने भी धन धान्य का अभाव हो, अगर आप इन मंत्रो के प्रयोग को नियमित रूप से करेंगे, तो आपके घर में सिर्फ कुछ ही दिनों के बाद से माता लक्ष्मी की कृपा होनी शुरू हो जाएगी और आपके घर में धन के भंडार भरने लगेंगे।स्वयं सिद्ध लक्ष्मी शाबर मंत्र एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जो धन, समृद्धि और सौभाग्य आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जा सकते है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपने जीवन में आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
1. धन प्राप्ति अष्ट लक्ष्मी शाबर मंत्र
दीपावली की पूर्व पूर्णिमा को विधि-विधानपूर्वक आमंत्रित करके पीपल के पेड़ की जड़ को ले आएं।उसे नित्य प्रतिदिन स्नान कराकर श्रद्धा-भक्ति से प्रणाम करें और उस पर धूप, अगरबत्ती तथा प्रसाद आदि चढ़ाएं। दीपावली की रात्रि में दीपमालिका प्रज्वलित करके पीपल की जड़ को आसन के नीचे रखकर मंत्र-जप करें।
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मंत्र
लच्छमी माई विसनु की लुगाई,
आओ माई आंगन में विराजो।
घर में भंडार भरो चांदनी-सी बरषो,
तारेन-सी चमको जो न पधारो,
घर में भंडार भरो चांदनी-सी बरषो,
तारेन-सी चमको जो न पधारो,
तो पति की सेज भूलो।
चण्डू चाण्डाल की भोग बनो।
चण्डू चाण्डाल की भोग बनो।
आदेश गोरखनाथ मछन्दर को,
दुहाई सात समन्दर की,
दुहाई सात समन्दर की,
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति मंत्र सांचा।
विधि
दीपावली की इस रात्रि में इस मंत्र का जितना भी जप हो सके, रात्रि जागरण करते हुए उतना जप करें। इसके पश्चात नित्य प्रतिदिन स्नान करके अपने आसन के नीचे पीपल की मूल को रखकर इस मंत्र का सौ बार जप करते रहें। निरन्तर इस प्रकार जप करते रहने से साधक के घर-परिवार में माता लक्ष्मी का वैभव धीरे-धीरे प्रकट होने लगेगा।
दीपावली की इस रात्रि में इस मंत्र का जितना भी जप हो सके, रात्रि जागरण करते हुए उतना जप करें। इसके पश्चात नित्य प्रतिदिन स्नान करके अपने आसन के नीचे पीपल की मूल को रखकर इस मंत्र का सौ बार जप करते रहें। निरन्तर इस प्रकार जप करते रहने से साधक के घर-परिवार में माता लक्ष्मी का वैभव धीरे-धीरे प्रकट होने लगेगा।
इस प्रकार जप करत रहन से साधक के घर- प्रकट होने लगेगा। मंत्र-जप के दौरान दृष्टांत स्वप्न में साधक को अपने घर के आंगन में स्वर्णालंकारों से विभूषित एक अत्यंत सुंदर युवती के प्रवेश करते हुए दर्शन होंगे। इसके पश्चात् यह युवती घर में प्रवेश करती हुई दिखाई देगी।
वास्तव में यह युवती मां लक्ष्मी का ही स्वरूप है। साधक का जैसे-जैसे मंत्र-बल बढ़ता जाएगा, माता लक्ष्मी का चतुर्दिक वैभव स्पष्ट रूप से प्रकट होने लगेगा। ऐसे में साधक को सदैव स्त्रियों और ब्राह्मणों का सम्मान करना चाहिए तथा देवी-देवताओं में श्रद्धा-भक्ति रखनी चाहिए। इसके अलावा समय-समय पर साधक को दान-पुण्य भी करते रहना चाहिए।
2. आकस्मिक धन प्राप्ति अघोर लक्ष्मी शाबर मंत्र
इस दुर्लभ लक्ष्मी शाबर मंत्र से लक्ष्मी का आगमन आपके घर में होता है और अगर आपके घर की लक्ष्मी बंदी हुई है, किसी ने आपके घर की बरकत बांध रखी है, किसी ने आपके घर की लक्ष्मी भी बांध रखी है, तो इस प्रयोग से माता लक्ष्मी खुल जाएँगी।आपके घर में सदा के लिए विराजमान हो जाएँगी, आपको हमेशा धन से जुड़ी कभी कोई समस्या नहीं आएगी और आपके घर में हमेशा धन के भंडार भरते रहेंगे। माता लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी।
मंत्र
ॐ नमो भगवती, समंदर की बेटी, विष्णु की रानी,
आओ लक्ष्मी महारानी, हम मानुष तुम भगवती,
हमें भी बनाओ कुबेरपति जो न बनाओ धनपति,
तो गिरो नरक कुंड में, लाख लाख बिछुन की पीड़ा सहो,
दुहाई श्री नाथ भगवान की।
ॐ नमो भगवती, समंदर की बेटी, विष्णु की रानी,
आओ लक्ष्मी महारानी, हम मानुष तुम भगवती,
हमें भी बनाओ कुबेरपति जो न बनाओ धनपति,
तो गिरो नरक कुंड में, लाख लाख बिछुन की पीड़ा सहो,
दुहाई श्री नाथ भगवान की।
मंत्र साधना विधि
यह एक 11 दिन की साधना है, जिसे आपको 11 दिनों तक अनुष्ठान करना होगा। सबसे पहले एक लकड़ी लें, ऊपर माता लक्ष्मी की फोटो को विराजमान करें, एक भरा हुआ जल का लोटा रखें और उसमें थोड़ा गंगाजल डालें।इस साधना में आपको 11 दिनों के लिए देसी घी का अखंड दीपक जलाना पड़ेगा। उसके बाद माता लक्ष्मी को गुलाब के पुष्प अर्पित कीजिए, उन्हें हल्दी और कुमकुम मिलाकर तिलक लगाइए और उसके बाद माता लक्ष्मी को प्रसाद अर्पण कीजिए।
प्रसाद के रूप में आप सफेद रंग की दूध की मिठाई, पेड़े, लड्डू, खीर, पंचमेवा, मिश्री का भोग, और बतासे का भोग भी उपयोग में ला सकते हैं।
मंत्र प्रयोग विधि
पूजा शुरू करने से पहले, आपको अपने आप को और सामग्री को शुद्ध करना होगा। एक बरतन में कुछ पानी लें, थोड़ा पवित्र जल (गंगाजल) मिलाएं और इसे अपने आप पर और सामग्री पर छिड़कें।
फिर एक संकल्प लें कि आप देवी लक्ष्मी की आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं और आप 11 दिनों तक इस साधना कर रहा हूँ। आपको अपना नाम, गोत्र और अपने पिता का नाम बोलना होगा।
अगर आप अपने गोत्र को नहीं जानते हैं, तो आप अपने नाम और अपने पिता का नाम भी बता सकते हैं। आपको उस दिनों की संख्या और मालाओं (माला) की संख्या का भी उल्लेख करना होगा जिसमें आप मंत्र जप करेंगे।
सबसे पहले, आपको कुछ मिनट के लिए भगवान गणेश की छोटी पूजा करनी होगी, फिर थोड़ी देर भगवान शिव की छोटी पूजा करनी होगी, और फिर भगवान विष्णु की पूजा करनी होगी। आप विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा या सीधे भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप कर सकते हैं।
इसके बाद आप देवी लक्ष्मी की पूजा शुरू कर सकते हैं। आप लक्ष्मी स्तोत्रम, श्री सूक्त, लक्ष्मी चालीसा या सीधे मंत्र का जाप कर सकते हैं। आपको प्रत्येक माला में इस मंत्र को 11 बार जपना होगा। आप जप के लिए तुलसी, रुद्राक्ष, स्फटिक या कमल गट्टा माला का उपयोग कर सकते हैं।
मंत्र लाभ
- इस लक्ष्मी मंत्र के प्रभाव से माता लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और स्थाई वास आपके घर में होगा।
- आपके घर की दरिद्रता, आपकी दरिद्रता सदा सदा के लिए दूर हो जाएगी।
- आपका शुक्र ग्रह मजबूत होगा और इसके साथ ही आपका मंगल ग्रह भी मजबूत होगा।
सावधानिया
- इन 11 दिनों में आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना है
- जमीन पर सोना है
- एक समय भोजन करना है
- भोजन बिल्कुल सातवीक करना है उसमें प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना है
- अपनी साधना काल में भूमि पर ही सोना है
- आपने जो दीपक जलाया है, वह बिल्कुल भी खंडित नहीं होना चाहिए, नहीं तो आपकी साधना खंडित हो जाएगी
3. भगवान गणेश लक्ष्मी शाबर मंत्र
महालक्ष्मी मंत्र भगवती महालक्ष्मी के षोडश नाम से युक्त इस स्तुति मंत्र का नित्य पाठ करने से अनायास ही देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो जाती है।मंत्र
श्री गणेशाय नमः ।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी पद्मा वत्यै नमः ।
महालक्ष्मी महाकाली महादेवी महेश्वरी ।
महामूर्ति महामाया महाधर्मेश्वरी अर्हं ।
मुक्ता माला धरा माया महामेधा महोदरी ।
महाजननी जगत्माता महामुद्योतिनी अर्हं ।
श्री गणेशाय नमः ।
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी पद्मा वत्यै नमः ।
महालक्ष्मी महाकाली महादेवी महेश्वरी ।
महामूर्ति महामाया महाधर्मेश्वरी अर्हं ।
मुक्ता माला धरा माया महामेधा महोदरी ।
महाजननी जगत्माता महामुद्योतिनी अर्हं ।
अंतिम शब्द
इस लेख में बताए गए स्वयं सिद्ध लक्ष्मी शाबर मंत्र के उपयोग से आप धन, समृद्धि और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।इन मंत्रों को सटीक तरीके से प्रयोग करने से आपकी लक्ष्मी की कृपा आप पर होगी और आप धन, समृद्धि और सुख-समृद्धि के साथ अपने जीवन को जी सकेंगे।
इसलिए, अगर आप लक्ष्मी की कृपा चाहते हैं और अपनी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आप इन मंत्रो का उपयोग करना चाहिए।
kya pratidin 2 ya 5 mala ka jaap karke lagbhag 60ya 30 din me pura kiya ja sakta hai? kripya jabab jarur de.
जवाब देंहटाएंनही
हटाएंyadi pratidin 108 bar jaap kiya jaye to kuch fayeda milega ya nahi
जवाब देंहटाएंha bilkul
हटाएंsir apke blog me " duhai shrinath bhagwan ki' me "DUHAI" ek bar aya hai lekin ek pustak me "duhai duhai shrinath bhagwan ki" me "DUHAI" do bar likha gaya hai. kripya batayen dono me kaun sahi hai-apka ya pustak ka.
जवाब देंहटाएंहम जो भी मंत्र इस ब्लॉग में देते है वो शाबर मंत्र के जानकार लोगो से ग्रहण करके ही लेते है जैसा सुना वैसे ही लिखते है।
हटाएंsir apke blog me " duhai shrinath bhagwan ki' me "DUHAI" ek bar aya hai lekin ek pustak me "duhai duhai shrinath bhagwan ki" me "DUHAI" do bar likha gaya hai. kripya batayen dono me kaun sahi hai-apka ya pustak ka.
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