शिव को प्रसन्न करने के लिए हम शिव मंदिर में जाकर शिव चालीसा का पाठ अवश्य ही करते है। उसी तरह इन प्रभावशाली, शीघ्र फलदायी 5 स्तोत्र का पाठ आपको करना है।
समस्त मनोरथ को पूर्ण करने वाले पांच दिव्य शिव स्तोत्र हम आपको बताने वाले है, जिनको पढ़ने मात्र से ही आपके संपूर्ण मन की इच्छाएं पूर्ण होने लग जाती है।
भगवान शिव के 5 प्रभावशाली स्तोत्र
भगवान महादेव एक ऐसे देव है जो केवल एक लोटा जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए शीघ्र अति शीघ्र प्रसन्न होने वाले महादेव के निकट यदि 5 प्रभावशाली शिव स्तोत्र का पाठ करते हैं, तो विचार कीजिए आपको कितना शीघ्र फल प्राप्त हो सकता है।
1. पाशुपतास्त्र स्तोत्र | Pashupatastra Stotra
पाशुपतास्त्र स्तोत्र बहुत प्रभावशाली फल को देने वाला स्तोत्र हैं। अर्थात यदि मैं आपको बताऊं, कोई भी व्यक्ति असाध्य रोगों से, ग्रह पीड़ा से, ऊपरी बाधा से, मृततुल्य कष्टों से मुक्ति पाने के लिए पाशुपतास्त्र स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। इसे भगवान शिव का अमोघ अस्त्र माना जाता है। महादेव स्वयं कहते हैं कि, इसका एक बार पाठ करने से आपको निश्चित फल की प्राप्ति हो जाती है और यदि उसका आप 100 बार पाठ करें तो विचार कर लीजिए कि आपको उसका कितना लाभ प्राप्त होगा। इसलिए इस कलयुग में पाशुपतास्त्र स्तोत्र अपने आप में दिव्य फलो से हमको अनुग्रहित करने वाला स्तोत्र माना जाता है।
2. शिव सहस्त्र नाम | Shiv Sahastra Naam
प्रत्येक भक्त विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करता है। उसी प्रकार भगवान शिव के परम भक्त भगवान शिव की अनुकंपा को प्राप्त करने के लिए स्तोत्र का पाठ भी अवश्य किया जाता है। भगवान शिव का यह दिव्य स्तोत्र शिव सहस्त्रनाम स्तोत्रम शिव महापुराण के कोटि रुद्रसहिंता के अध्याय 35 में है जिसमे 134 श्लोक है। स्वयं भगवान विष्णु जी ने इसका संबोधन किया है, इसलिए इसका पाठ करने से केवल भगवान शिव ही नहीं, भगवान शिव के परम आराध्य भगवान विष्णु भी अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए श्री शिव सहस्त्र स्तोत्र का पाठ भी बहुत दिव्य और चमत्कारी माना जाता है।
3. दारिद्र्य दहन शिव स्तोत्र | Daridra Dahan Shiv Stotram
किसी भी प्रकार की दरिद्रता, किसी भी प्रकार की उधारी यदि सर के ऊपर है, तो आप शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करके दारिद्रय दहन स्तोत्र का पाठ अवश्य कर सकते हैं। इसमें 10 श्लोक है इस स्तोत्र की रचना महर्षि वशिष्ठ जी ने की है। इस स्तोत्र का पाठ तीनों कालों में प्रातः दिन में और संध्या काल के समय कर सकते हैं। यदि आपको समय नहीं लगता है तो केवल आप प्रातः काल भी इस पाठ को करेंगे तो लक्ष्मी जी आपके घर में नृत्य करने लगेगी। दारिद्रय दहन स्तोत्र के फायदे जीवन में दरिद्रता दूर करने के लिए होते है।
4. मृत संजीवनी मंत्र | Mrit Sanjeevani Mantra
आज का व्यक्ति रोगों से ग्रसित है, अनेक प्रकार के रोग, नाना प्रकार के रोग हमारी शरीरों में व्याप्त है। जितने घर के अंदर हमारी किताबे नहीं होती उससे ज्यादा आजकल लोगों के घरों में दवाइयां रहती है। हम तो इतने सारे रोगो से व्यक्ति लड़ रहा है तो मैं चाहूंगा कि इस कलयुग में इस शरीर की रक्षार्थ हेतु एक दिव्य स्तोत्र है भगवान शिव का, क्योंकि भगवान शिव को मृत्यु का देवता भी कहा जाता है।महामृत्युंजय कहा जाता है और उन्हीं का एक दिव्य स्तोत्र है। मृत संजीवनी स्तोत्र मृत संजीवनी विद्या मंत्र है उसी प्रकार से मृत संजीवनी स्तोत्र है। इसके विषय में कहा गया है की आप प्रातः काल उठकर स्नानादि करके यदि आप मृतसंजीवनी स्तोत्र का पाठ करते है तो आप रोगों से दूर रहते हैं। एक दिव्य कवच आपके शरीर में निर्मित हो जाता है आप सुरक्षित रहते हैं। अकाल मृत्यु को कोई व्यक्ति प्राप्त नहीं होता जो मृत संजीवनी स्तोत्र का पाठ करता है।
5. शिव महिम्न स्तोत्र | Shiv Mahimna Stotra
इसकी रचना श्रीपुष्यदंतजीने की है, बहुत प्रभावशाली पाठ है प्रत्येक विद्यार्थी अपनी उज्जवल विद्या के लिए, साथ ही साथ गठबंधन में बाधा, कोर्ट कचहरी में फंसा हुहा व व्यक्तिगत इस दिव्य शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करता है, तो भगवान उसको समस्त बंधनों से मुक्त कर देते हैं।
अतः मैं आशा करूंगा कि यह जो मैंने आपको पांच भगवान शिव के प्रभावशाली Shiv stotram बताएं है, आपको यह जानकारीं जानकर अच्छा लगा होगा किसी स्तोत्र का पाठ भी आपके लिए बहुत लाभकारी होगा धन्यवाद।
भगवान शिव सबके आराध्य हैं.. दुर्गापति, गिरिजानाथ हैं वो.. उनका कोई आराध्य नहीं.. सबकुछ उनमें ही है | हर हर महादेव ❤️
जवाब देंहटाएंbahut achha hai
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