Hanuman Mantra: 5 शक्तिशाली रोग नाशक हनुमान शाबर मंत्र

Hanuman Mantra: जीवन को जीने के लिए हमें शारीरिक और मानसिक श्रम करना पड़ता है। कोई भी काम करने के लिए हमें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमें अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में हमें कई समस्याओं, दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

आमतौर पर इसमें सिरदर्द, नेत्र रोग और माइग्रेन जैसी शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इन शारीरिक समस्याओं का समाधान आमतौर पर मंत्रों की मदद से करते हैं। हमने आपके लिए इसी तरह की शारीरिक समस्याओं के लिए हनुमान रोग नाशक मंत्र प्रदान किया है, जिससे आप घर पर ही पांच प्रकार की शारीरिक समस्याओं को स्वयं ठीक कर सकते हैं।

Hanuman Shabar Mantra | 5 हनुमान रोग नाशक मंत्र   

हनुमान जी को हिंदू धर्म में भगवान शिव के अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे भगवान राम के सबसे वफादार भक्त थे और उन्हें शक्ति, साहस और राम भक्त के रूप में जाना जाता है। हनुमान जी को रोगों से मुक्ति देने वाला भी माना जाता है। उनके कई मंत्र हैं जो रोगों को दूर करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

1. आधा सिर दर्द का मंत्र 

बन में ब्याई अंजनी । कच्चे बन फल खाय ॥
हाँक मारी हनुमन्त ने। इस पिण्ड से आधा सीसी उतर जाय ॥


इस मन्त्र को ग्रहण काल में 10 माला का जप श्री हनुमान जी विषयक सभी नियमों को ध्यान रखते हुए करें तो यह मन्त्र सिद्ध होगा, फिर जब आपके पास कोई आधा-सीसी दर्द से पीड़ित व्यक्ति आये तो राख लेकर 21 बार इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए झाड़ा करें तो वह शीघ्र ही आधा सीसी दर्द से निजात पायेगा।

2. हनुमान सिर दर्द का मंत्र 

लंका में बैठ के माथ हिलावे हनुमन्त ।
सो देखि के राक्षस गुण पराय दूरंत॥
बैठी सीता देवी। अशोक वन में॥
देखि हनुमान को। आनन्द भई मन में॥
गई उर विषाद देवी। स्थिर दरशाय॥
"अमुक" के सिर। व्यथा पराय॥
"अमुक" के नहिं कछु। पीर नहिं कछु भार॥
आदेश कामाख्या हाड़ी। दासी चण्डी की दोहाई॥


इस मन्त्र का सात दिन का अनुष्ठान है, साधक श्री हनुमान जी विषयक सभी नियमों का पालन करते हुए प्रतिदिन 1 माला का जप करें तो, यह मन्त्र सिद्ध होगा, और जब आवश्यकता हो तो रोगी व्यक्ति को दक्षिण की ओर मुख करके बैठा दें और उसके सिर को हाथ से पकड़ कर इस मन्त्र को जपते हुए राख द्वारा 21 बार झाड़ा करें तो उसका सिर दर्द दूर हो वह सुख का अनुभव करे। (अमुक की जगह पीड़ित का नाम उच्चारण करें)

3. दाढ़ और दांत के दर्द का हनुमान मंत्र 

ॐ राई राई । तू मेरी माँई ॥
धरती नी धूलि । मसानी छाई ॥
सान खवाई । सो हनुवन्त की दुहाई मारा गुरु ॥
जपत जलत बाई । हालि मन्त्र गुरु खवाई ॥
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरे मन्त्र ईश्वरो वाचा ॥

इस मन्त्र की साधना 21 का पालन करते हुए प्रतिदिन 1 दिन की है, श्री हनुमान जी विषयक समस्त नियमों माला का जप करने से यह मन्त्र सिद्ध होता है फिर जब दाँत के दर्द वाला कोई व्यक्ति आये तो इस मन्त्र को जपते हुए 21 बार झाड़ा करने से शीघ्र ही दाँत दर्द और दाढ़ से पीड़ित व्यक्ति आराम पायेगा।

4. नेत्र रोग निवारण मंत्र 

ॐ नमो झल-मल जहर भरी तलाई ।
अस्ताचल- पर्वत ते आई ॥
तहाँ बैठा हनुमन्त जाई ।
फूटे न पाकै करै न पीड़ा यती हनुमन्त- राखै हीड़ा॥
शब्द सांचा पिण्ड कांचा फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा ॥

इस मंत्र का ग्रहण काल में सात माला का जप, हनुमान जी के विषयक सभी नियम मानते हुए करने से यह मंत्र सिद्ध होता है, फिर आवश्यक समय में निम्बू की टहनी लेकर 21 बार रोगी के नेत्रों का झाड़ा मंत्र जपते हुए करने से वह नेत्र पीड़ा से मुक्ति पाता है।

5. सर्व रोग नाशक हनुमान शाबर मंत्र 

कौरव-पाण्डव कहाँ गए ? बन में गए।
बन में क्या करेंगे ?
बन कटवाएँगे बन कटा के क्या करेंगे ? 
सहस्त्र मन कोयला करेंगे ?
सहस्त्र मन कोयले का क्या करेंगे ? 
छप्पन-छुरी बनाएँगे।
छप्पन छुरी का क्या करेंगे ? 
बाय को, चीस को, भड़क को, फुंसी को, फोड़े को, 
टोक को, नजर को, सिर दर्द को
काट-पीट के खारे समुन्दर में बहाएँगे।
खारे समुन्दर में बहा के क्या करेंगे ? 
बहोड़ (बहुर) के उल्टे न आवे ईश्वरो वाचा, पिण्ड कांचा
मेरे गुरु का शब्द सांचा देखूं बाबा हनुमान तेरे शब्द का तमाशा।

इस मन्त्र की साधना 21 दिन की है, साधक श्री राम - दूत हनुमान विषयक समस्त नियमों का पालन करते हुए 1 माला का जप प्रतिदिन करें तो यह मन्त्र सिद्ध होगा फिर आवश्यकता के समय मन्त्र में कहे समस्त रोग-दोष का झाड़ा करने से नाश होता है।

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इस तरह आप सिर दर्द, नेत्र रोग और माइग्रेन ऐसी शारीरिक दिक्कतों को इन हनुमान रोग नाशक मंत्र का प्रयोग करके घर पर ही निजात पासकते हो।

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