Shabar Mnatra: असली 3 स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र के लाभ और नुकसान


स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र, शाबर मंत्र के नुकसान

भारत में कई चमत्कारी विद्याएँ पाई जाती हैं, जो हमारे जीवन को दिशा और ऊर्जा देती हैं। इन्हीं चमत्कारी विद्याओं में से एक है शाबर मंत्र। यह मंत्र हमारे प्राचीन ज्ञान और परंपराओं का हिस्सा हैं और इनकी भाषा अत्यंत सरल होती है, जिससे इन्हें हर कोई आसानी से समझ और उपयोग कर सकता है। शाबर मंत्रों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये अपने आप में एक शक्ति और ताकत हैं। ये मंत्र शास्त्रीय मंत्रों की कमी को बहुत ही सफलतापूर्वक पूरा करते हैं। 

यह मंत्र केवल शब्दों का समूह नहीं हैं, बल्कि इनमें एक विशेष ऊर्जा और शक्ति होती है, जो हमें हमारी समस्याओं का समाधान देने में मदद करती है। जिस तरह देवी देवता के कर्मकांड के लिए वैदिक मंत्र के विधि विधान है, उसी प्रकार नवनाथ संप्रदाय में शाबर मंत्र की परम्परा है। इसलिए इन्हें बोलना काफी आसान है और ये हर समस्या का निवारण करने की क्षमता रखते हैं।

जीवन में कोई ना कोई समस्या आती ही रहती है और हम बहुत दुःखी हो जाते हैं, कि कैसे हम इन समस्याओं से निजात पाएं। समस्या दो प्रकार की होती है शारीरिक और मानसिक। हम फिर कोई उपाय खोजते रहते हैं। हम आपको इस ब्लॉग पोस्ट में स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र के बारे में विस्तार से बताएंगे। शाबर मंत्र क्या हैं? लाभ और नुकसान और इनका क्या महत्व है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएंगे।

स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र

अत्यंत सरल भाषा में पाए जाने वाले सभी मंत्र Shabar Mantra माने जाते है। ये सभी मंत्र अत्यंत सरल भाषा में पाए जाते है परंतु इनका कोई अर्थ नहीं होता, यह मंत्र सभी बोली जाने वाली भाषाओं में पाए जाते है। यह स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र कभी निष्फल नहीं जाते। इनको प्रयोग के लिए दीक्षा या गुरु की कोई सामान्य प्रयोगों के लिए आवशकता नहीं पड़ती। आप विद्वान हो या तंत्रिक या फिर एक सामान्य व्यक्ति शाबर मंत्र के प्रभाव सभी को मिलेगे। 

1. स्वयं सिद्ध काली शाबर मंत्र

ॐ काली काली महाकाली। इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली।
उड़ बैठी पीपल की डाली। दोनों हाथ बजावै ताली।
जहां जाये वज्र की ताली। वहां न आवे दुश्मन हाली।
दुहाई कामरू कामाक्षा नैना योगिनी की।
ईश्वर महादेव गौरा पार्वती की। दुहाई वीर मसान की।

विधि
इस मंत्र का सात बार जाप करके तीन बार ताली बजाने से सब प्रकार से रक्षा होती है।

2. स्वयं सिद्ध हनुमान शाबर मंत्र

ॐ नमः वज्र का कोठा।
जिसमें पिंड हमारा पेठा।
ईश्वर कुञ्जी। 
ब्रम्हा का ताला। 
मेरे आठों याम का यती हनुमन्त रखवाला।

विधि 
यह मंत्र अभी तक तांत्रिकों में पूर्ण सम्मान के साथ प्रयोग किया जा रहा है। इसे तीन बार पढ़ने से पूर्ण सुरक्षा होती है।

3. स्वयं सिद्ध लक्ष्मी शाबर मंत्र

अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के।
कामद धन दारिद दवारि के।।

विधि
इस मन्त्र का जप भी प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर किया जाता है। ज प्रतिदिन 108 बार किया जाता है । 90 दिन के जप के बाद साधक इसे 21 बार जप सकते हैं। दरिद्रता दूर करने में यह सहायक मंत्र है।

शाबर मंत्र के लाभ 

इन मंत्रों का फायदा यह है कि ये याद करने में भी आसान होते हैं। इन्हें अलग से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, वे स्वतः ही सिद्ध होते हैं। इस प्रकार के मंत्रों को केवल कंठस्थ करके भभूति बनाकर देने अथवा 'झाड़ा' लगाने से पीड़ित व्यक्ति को फायदा मिल जाता है। ऐसे सिद्ध मंत्र मौलिक रूप से ही सिद्ध होते हैं, तथापि उनका यदा-कदा जप करने से उनका स्फुरण बढ़ जाता है और वे और अधिक ऊर्जावान हो जाते हैं।


शाबर मंत्र के नुकसान

शाबर मंत्र बड़े ही असरदार होते है इसलिए इनका गलत इस्तेमाल करने पर उस मंत्र के देवता का आप पर बुरा असर देखनेको मिल सकता है, साथ ही साथ यह आपको मानसिक रूप से भी पीड़ा पंहुचा सकता है।
मंत्रो के बड़े विचित्र प्रयोग भी है इसलिए इनको सावधानी पूर्वक न करनेपर शारीरिक या मानसिक हानी का सामना कर पड़ सकता है।

शाबर मंत्र सिद्ध करने की विधि

1. गुरु से ज्ञान तथा दीक्षा अवश्य प्राप्त करें।
2. अपने गुरु एवं परमात्मा पर पूर्ण विश्वास और श्रद्धा रखें।
3. साफ-स्वच्छ, धुले हुए वस्त्रों का उपयोग करें।
4. गुरु के सिवा किसी भी अन्य व्यक्ति से साधना सम्बन्धी कोई बात न करें।
5. गुरु के छत्र- छाया में ही अनुष्ठान करें। मन एवं शरीर को शुद्ध और पवित्र रखें।
6. साधना आरम्भ से पूर्व मंत्र को कण्ठस्थ करके जप करें।
7. साधना काल में शुद्ध देसी घी का अखण्ड दीपक जलायें।
8. साधना वाले दिनों में मौन धारण करें। जप के समय क्रोध, लड़ाई, चिंता आदि से बचें।
9. जप काल में झूठ का त्याग अवश्य करें। साधना काल में धूम्रपान या कोई अन्य नशा आदि न करें।
10. जप काल में भोग आदि सामग्री, फल-फूल, मिठाई आदि ताजा एवं शुद्ध होनी चाहिए।
11. साधक साधना में उपयोग की सामग्री (नैवेद्य, भोग) तथा अपना भोजन 'स्वयं तैयार करें।
12. जप के समय जल का जो पात्र समीप में रखे हों, उस पात्र का जल 24 घण्टे बाद किसी वृक्ष पर चढ़ा दें।
13. साधक, अनुष्ठान, जप के बाद भी नियमित मंत्र जप करते रहें।

 

निष्कर्ष:

स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र, काली शाबर मंत्र, हनुमान शाबर मंत्र, और लक्ष्मी शाबर मंत्र, अत्यंत प्रभावशाली होते हैं और इन्हें किसी विशेष दीक्षा या गुरु की आवश्यकता नहीं होती। ये मंत्र बिना किसी विशेष प्रयास के भी सिद्ध होते हैं और इनका प्रभाव विद्वानों से लेकर साधारण व्यक्ति तक सभी पर समान होता है।

शाबर मंत्र सिद्ध करने की विधि में गुरु से ज्ञान और दीक्षा प्राप्त करना, शुद्ध वस्त्रों का उपयोग, और मौन धारण करना महत्वपूर्ण होता है। साधना के दौरान मन और शरीर को शुद्ध रखना चाहिए और मंत्र का नियमित जप करना चाहिए। शाबर मंत्र हमारे प्राचीन ज्ञान और परंपराओं का अमूल्य हिस्सा हैं और सही विधि से इनका उपयोग करने पर ये हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं।

    
इसे भी पढे:
Manokamna Purti Mantra: इच्छा पूर्ति गोरख शाबर मंत्र से सभी कार्य पूर्ण होंगे
गुप्त हनुमान मंत्र: दिव्य दृष्टि प्राप्त करने का गुप्त हनुमान शाबर मंत्र
अनुभूत 5 सिद्ध गोरखनाथ शाबर मंत्र | Guru Gorakhnath Shabar Mantra
Lakshmi Shabar Mantra: 3 स्वयं सिद्ध लक्ष्मी शाबर मंत्र
इन 5 ग्रामीण शाबर मंत्र से हर समस्या का हल निकलेगा
Hanuman Mantra: 5 शक्तिशाली रोग नाशक हनुमान शाबर मंत्र

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ
  1. आपसे बात करना चाहता हू। ज्योतिषी हूं। मेरा नंबर-9013899071

    जवाब देंहटाएं

कृपया गलत कमेंट ना करें