सरल गुरु चांडाल योग के उपाय लाल किताब


यदि आपने कभी गुरु चांडाल योग के बारे में सुना है, तो यह आपके जीवन में विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकता है। लाल किताब में इस योग के उपाय के बारे में विस्तार से बताया गया है और इस लेख में हम आपको ज्योतिष के इस नकारात्मक योग को समजायेंगे और यह जानेंगे कि गुरु चांडाल योग क्या होता है। 

यह गुरु चांडाल योग इसका जीवन पर कैसे प्रभाव पड़ता है और अगर आपकी कुंडली में गुरु चांडाल योग है तो इसको समाप्त करने के उपाय क्या है। यहाँ आपको गुरु चांडाल योग के उपाय लाल किताब के विषय में उपयोगी जानकारी मिलेगी, जिससे आप अपने जीवन को और भी सफल और खुशहाल बना सकते हैं। 

गुरु चांडाल योग के 6 उपाय लाल किताब

अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग है, तो इसके प्रभाव को समाप्त कैसे करें। राहू जीवन में संस्कार कमजोर करता है और आदतें बिगड़ता है, तो आपको अपने संस्कार को बेहतर करना होगा और अपनी आदतों को सुधारना होगा।
  1. आपको पहला उपाय यह करना है की हमेशा अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना।
  2. नियमित रूप से किसी भी मंदिर पर जाते रहे और प्रार्थना करते रहे।
  3. रोज सवेरे गायत्री मंत्र का हल्दी की माला से 108 बार जप करना चाहिए इससे चांडाल योग का दुष्प्रभाव बहुत हद तक आपके ऊपर नहीं पड़ेगा।
  4. गले में अपने सोने का या पीतल का एक चौकोर टुकड़ा लाल धागे में या सोने चांदी की चेन में भी पहना चाहिए।आपके लिए अच्छा होगा फूट पाथ, मंदिर और सड़क पर पीपल के पौधे लगवाने से भी आपको लाभ होगा चांडाल योग का प्रभाव कम होगा।
  5. अगर आपकी कुंडली में गुरु राहु का चांडाल योग है, तो आपको मांसाहारी भोजन(नॉनवेज) से परहेज करना चाहिए।
  6. शराब, नशे की चीजे आपको बचना चाहिए।
क्योंकि अगर कुंडली में गुरु राहु योग हैं, तो आपका मन बार-बार मांस मदिरा की तरफ जरूर जाएगा। उसको रोकिए और जब आप ही आदत छोड़ देंगे, तो गुरु राहु के नकारात्मक चांडाल योग का प्रभाव आपके ऊपर नहीं पड़ेगा।

लाल किताब के अनुसार गुरु चांडाल योग क्या है? 

अगर आपकी कुंडली में राहु और गुरु एक साथ हो, तो गुरु चांडाल योग बन जाता है। ज्योतिष में जब हम किसी के जीवन को समझने के लिए कुंडली देखते हैं, तो नकारात्मक योग भी लोगों के जीवन में होते हैं और शुभ योग भी होते हैं। 

सबसे बड़े नकारात्मक योगों में से एक योग होता है गुरु चांडाल योग, इसे सबसे ज्यादा नेगेटिव योग माना जाता है। लेकिन इसके लिए कुंडली में राहु और गुरु को एक में बैठेंगे तभी यह योग बनता है और हमेशा नुकसान ही पहुंचाता है । 

गुरु चांडाल योग का क्या प्रभाव पड़ता है?

गुरु चांडाल योग 90% मामलों में नुकसान देता है और अगर यह लग्न में हो, पंचम भाव में हो, या नवम भाव में हो, तो यह विशेष नकारात्मक और ज्यादा नेगेटिव होता है। 

1. शुभ योग नहीं बनता 

गुरु चांडाल योग का अगर समय पर उपाय न किया जाए, तो कुंडली के तमाम शुभ योग काम नहीं करते इसीलिए कुंडली के तमाम शुभ योग बहुत अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं 

2. ईश्वर कृपा नहीं होती 

गुरु का मतलब ही होता है ईश्वर की कृपा और जब गुरु राहु एक साथ होते हैं, तो ईश्वर की कृपा का अंश कम हो जाता है। 

3. नेगेटिव हो जाना 

व्यक्ति के अंदर जो क्षमता होती है, जो पॉजिटिविटी होती है, वह घट जाती है और नकारात्मक गुण नेगेटिविठी उसके बढ़ जाते हैं। 

4. चरित्र कमजोर ख़राब होना 

गुरु चांडाल योग होने से अक्सर देखा गया है कि व्यक्ति का चरित्र कमजोर और ख़राब होता है। व्यक्ति विवाह के अलावा भी इधर-उधर के संबंधों में जाता है। 

5. शारीरक समस्या 

इस योग के होने पर व्यक्ति को पाचन तंत्र की समस्या, डाइजेशन की प्रॉब्लम, लीवर की समस्या, डायबिटीज की समस्या और गंभीर रोग होने की संभावना बनती है। गुरु चांडाल योग कभी-कभी आंतों के या लीवर के कैंसर का कारण भी बनता है ऐसा देखा गया है। 

6. धर्म भ्रष्ट होना 

गुरु चांडाल योग जब होता है, तो व्यक्ति धर्म के रास्ते पर नहीं चलता धर्म भ्रष्ट हो जाता है और अपनी आदतों की वजह से, अपनी हरकतों की वजह से उसे अपयश का सामना करना पड़ता है। 

7. महिला का जीवन बर्बाद होना 

अगर किसी महिला की कुंडली में गुरु राहु का चांडाल योग है, तो वैवाहिक जीवन नर्क बन जाता है।वैवाहिक जीवन में दिक्कतें बहुत होती हैं। एक तो चरित्र वाला हिस्सा तो कमजोर होता ही है, सामने से शायद नहीं भी दिखाई दे लेकिन चरित्र कमजोर तो होता ही है और दूसरे वैवाहिक जीवन में मुश्किलें जरूर पाई जाती है।  

 
इस पोस्ट हमने गुरु चांडाल योग क्या है, इसका क्या प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है और लाल किताब आपके जीवन को इस योग दुष्प्रभाव को बदल सकते हैं। यह उपाय आपको राहू और गुरु योग के नकारात्मक प्रभावों से बचा सकता है।   

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